अमूढ़-दृष्टि / स्थिति-करण
रेवती रानी ने समवसरण को नहीं स्वीकारा, राजा श्रेणिक ने गलत आचरण वाले मुनि को नमोस्तु किया, सही कौन ?
दोनों सही, रेवती रानी ने आगम पर द्रढ़ श्रद्धा को दर्शाया, श्रेणिक ने मुनि मुद्रा को सम्मान देकर उनकी स्थितिकरण की ।
मुनि श्री सुधासागर जी
3 Responses
Wo muni “galat aacharan waale kaise the”?
एक देव श्रेणिक की परीक्षा करने मुनि बनकर आए थे। मछलीयाँ पकड़ने का नाटक कर रहे थे।
Okay.