प्रश्न : क्या लब्ध्यपर्याप्तक मनुष्य सैनी कहे जा सकते हैं ?
उत्तर : लब्ध्यपर्याप्तक मनुष्य जीव के पर्याप्तियां तो पूरी नहीं होतीं । इसलिये भाव और द्रव्य मन इस समय नहीं हैं, पर नो-इंद्रियावरण कर्म के क्षयोपशम होने से वे सैनी ही कहे जायेंगे ।
जिज्ञासा समाधान पेज 65
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