विज्ञान – प्रयोगों पर आधारित; मूर्तिक विषय,
धर्म – अनुभवों पर आधारित; अमूर्तिक विषय (भी) ।
दोनों की दिशायें प्राय: अलग अलग होती हैं ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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उक्त कथन सत्य है कि विज्ञान प़योगो पर आधारित होता है यानी मूर्तिक विषय होता है, यह बार बार बदलता रहता है।
धर्म अनुभवों पर आधारित होता है, जो स्थाई रूप होता है जिसका बदलाव नहीं होता है। अतः दोनों की दिशाएं प़ाय अलग-अलग होती हैं।
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उक्त कथन सत्य है कि विज्ञान प़योगो पर आधारित होता है यानी मूर्तिक विषय होता है, यह बार बार बदलता रहता है।
धर्म अनुभवों पर आधारित होता है, जो स्थाई रूप होता है जिसका बदलाव नहीं होता है। अतः दोनों की दिशाएं प़ाय अलग-अलग होती हैं।