समुद्र में नहाने का सुख विषय-भोग का सुख है –
जब तक नहाये आनंद, बाद में खुजली, मीठे जल से नहाना होता है ।
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4 Responses
यह कथन बिलकुल सही है…
आजकल, अधिकांश लोग विषय भोग में लिप्त हो रहे हैं, जिसका आनंद क्षणिक रहता है ।
सच्चा सुख पाने के लिए, अपनी आत्मा का स्वरूप पहचान लेंगे, तब ही आपको स्थायी सुख का आनंद मिल पाएगा ।
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यह कथन बिलकुल सही है…
आजकल, अधिकांश लोग विषय भोग में लिप्त हो रहे हैं, जिसका आनंद क्षणिक रहता है ।
सच्चा सुख पाने के लिए, अपनी आत्मा का स्वरूप पहचान लेंगे, तब ही आपको स्थायी सुख का आनंद मिल पाएगा ।
“Meethe jal” ka matlab yahan “dharm” se hai, right?
हाँ, मीठा जल यानि धर्म में डुबकी लगाना ।
Okay.