वैभव पाप है या पुण्य ?
वैभव तो पुण्य से मिलता है ।
तो परिग्रह को पाप क्यों कहा गया है ?
पुण्य के उदय में पाप करने से वैभव बनता है ।
तो वैभव पाप का बेटा हुआ ना !
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
Share this on...
One Response
पाप का मतलब जो आत्मा को शुभ से बचाए,यह पांच प्रकार के है, हिंसा, झूठ, चोरी,कुशील और परिग़ह। पुण्य का मतलब जो आत्मा को पवित्र करता है या आत्मा पवित्र होती है।परिग़ह का मतलब यह मेरा है,इस प्रकार ममत्व भाव होता हैं। उपरोक्त कथन सत्य है कि वैभव पुण्य से मिलता है।परिग़ह पाप की श्रेणी में आता है लेकिन पुण्य से वैभव मिलता है लेकिन वैभव में जब पाप करता है तो वैभव पाप का बेटा ही कहा गया है।
One Response
पाप का मतलब जो आत्मा को शुभ से बचाए,यह पांच प्रकार के है, हिंसा, झूठ, चोरी,कुशील और परिग़ह। पुण्य का मतलब जो आत्मा को पवित्र करता है या आत्मा पवित्र होती है।परिग़ह का मतलब यह मेरा है,इस प्रकार ममत्व भाव होता हैं। उपरोक्त कथन सत्य है कि वैभव पुण्य से मिलता है।परिग़ह पाप की श्रेणी में आता है लेकिन पुण्य से वैभव मिलता है लेकिन वैभव में जब पाप करता है तो वैभव पाप का बेटा ही कहा गया है।