वैराग्य
वैराग्य भाव आये पर संसारियों के साथ रहने की मजबूरी हो तो संसारियों को पता मत लगने देना वरना वे रहना दुश्वार कर देंगे ।
मुनि श्री सुधासागर जी
वैराग्य भाव आये पर संसारियों के साथ रहने की मजबूरी हो तो संसारियों को पता मत लगने देना वरना वे रहना दुश्वार कर देंगे ।
मुनि श्री सुधासागर जी
4 Responses
वैराग्य भाव से ही मुनि बनकर ही मोक्ष मार्ग पर चलने का संकल्प होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि वैराग्य भाव आये पर संसारियो के साथ रहने की मजबूरी हो तो संसारियों को पता मत लगने देना वर्ना वह दुश्वार कर देंगे। वैसे जीवन में अपने वैराग्य भाव संसारिक जीवन में मुश्किल होता है।
Can the reasons be explained please?
संसारी हर समय convince करने पीछे पड़े रहेंगे कि तुम गलत हो ।
Okay.