श्रमण

स्व-मन = जिसका मन स्वयं का हो,
(जिसे अपने मन पर नियंत्रण हो)

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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One Response

  1. श्रमण को साधु/ मुनि कहते हैं,वह मनन मात्र भाव स्वरूप होते हैं,जो अपनी साधना में लीन रहते हैं।
    अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि श्रमण जिसका मन स्वयं का हो, यानी अपने मन पर नियंत्रण होता है।

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