संसार / मोक्षमार्ग
संसार-मार्ग पर टिक नहीं सकते, पर टिकना चाहते हो !
मोक्ष-मार्ग पर टिक सकते हैं, पर टिकना नहीं चाहते हो !!
मुनि श्री महासागर जी
संसार-मार्ग पर टिक नहीं सकते, पर टिकना चाहते हो !
मोक्ष-मार्ग पर टिक सकते हैं, पर टिकना नहीं चाहते हो !!
मुनि श्री महासागर जी
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संसार का तात्पर्य संसरण या आवागमन होता है,जिसका अर्थ परिभ्रमण या परिवर्तन होता है।
मोक्ष मार्ग का तात्पर्य सम्यग्दर्शन सम्यक्ज्ञान और सम्यग्चारित्र तीनों की एकता का नाम है।
अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि संसार मार्ग पर टिक नहीं सकते हैं, यदि टिकना चाहते हैं तो मोक्ष मार्ग पर टिकना आवश्यक है,यही मुक्ति का मार्ग है।