संस्कार देने की चीज़ नहीं, जगाये जाते हैं ।
उन्हें बनाये रखने के लिये, सुसंगति दी जाती है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि संस्कार देने की चीज नहीं है , लेकिन संस्कार जगाये जाते हैं। संस्कार बनाये रखने के लिए उसे सुसंगती परम आवश्यक है ताकि उसके संस्कार बने रह सकते हैं।अच्छे संस्कार के लिए धर्म एवं गूरुओं से नाता बनाकर रखना आवश्यक है ताकि जीवन में संस्कारों को पैदा किया जा सकता है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि संस्कार देने की चीज नहीं है , लेकिन संस्कार जगाये जाते हैं। संस्कार बनाये रखने के लिए उसे सुसंगती परम आवश्यक है ताकि उसके संस्कार बने रह सकते हैं।अच्छे संस्कार के लिए धर्म एवं गूरुओं से नाता बनाकर रखना आवश्यक है ताकि जीवन में संस्कारों को पैदा किया जा सकता है।