सब्र

जिसमें सब्र है, वही तो शबरी है….
और
जो शबरी हो गया, उसे ईश्वर तक नहीं जाना पड़ता,
अपितु
स्वयं ईश्वर उसके द्वार पर आया करते हैं…..!

(सुमन)

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One Response

  1. सब़ का मतलब धैर्य रखना होता है जबकि शबरी का मतलब है कि शबरी भगवान् को ढूंढ़ नहीं रही थी बल्कि श्रीराम उनके पास पहुंच गए थे। अतः जीवन में सब़ यानी धैर्य रखना चाहिए ताकि ईश्वर आपका कल्याण कर सकते हैं।

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