समवसरण से लौटना
भरत चक्रवर्ती के तो निद्यती/निकाचित कर्म लौटाने के कारण थे, उन्हें भोग भोगने ही थे ।
सामान्यजन मोहवश लौटते हैं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
भरत चक्रवर्ती के तो निद्यती/निकाचित कर्म लौटाने के कारण थे, उन्हें भोग भोगने ही थे ।
सामान्यजन मोहवश लौटते हैं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
सामान्यजन को अपने मोहवश समवसरण से लौटना पडता है।भरत चक़वर्ती को भी अपने कर्मों को भुगतना ही पडा था।