सम्यग्मिथ्यात्व
सम्यग्मिथ्यात्व में सम्यक्त्व का अंश होता है । इसालिये यह क्षयोपशमिक भाव है ।
पं रतनचन्द्रजी मुख्तार – व्य. कृ – 112
सम्यग्मिथ्यात्व में सम्यक्त्व का अंश होता है । इसालिये यह क्षयोपशमिक भाव है ।
पं रतनचन्द्रजी मुख्तार – व्य. कृ – 112