साधना – मन को साधना,
तप – इच्छा निरोध,
ध्यान – एक विषय पर एकाग्रता ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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साधना/तप/ध्यान यह सभी मोक्ष मार्ग की ओर जाने के रूप है। सबसे प़थम साधना जो मन को साधने का प़यास करता है, इसके बाद तप का रास्ता पकडना पडता है। साधना और तप के बाद ध्यान में अपनी आत्मा में लीन रहते हैं जो आत्मा से परमात्मा बनने का रास्ता है।
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साधना/तप/ध्यान यह सभी मोक्ष मार्ग की ओर जाने के रूप है। सबसे प़थम साधना जो मन को साधने का प़यास करता है, इसके बाद तप का रास्ता पकडना पडता है। साधना और तप के बाद ध्यान में अपनी आत्मा में लीन रहते हैं जो आत्मा से परमात्मा बनने का रास्ता है।