सानिध्य

प्रत्यक्ष संपर्क ही ज़रूरी नहीं है, वरना भगवान और भक्त के बीच, संबंधों का महत्त्व ही समाप्त हो जाएगा ।

रामायण

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One Response

  1. यह कथन बिलकुल सही है – –
    भगवान और भक्त का प्रत्यक्ष संपर्क नहीं हो सकता है,
    लेकिन, अपनी आत्मा में भगवान को आव्हान कर, उनसे संबंध बनाए रखने का प्रयास किया जावे, तो आपका अवश्य कल्याण होगा ।

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