सुख
जो “प्राप्त” है, वह “पर्याप्त” है।
इन शब्दों में सुख अपार है।
(मंजू)
जो “प्राप्त” है, वह “पर्याप्त” है।
इन शब्दों में सुख अपार है।
(मंजू)
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Suresh Chandra Jain
Satisfaction Always Gives Happiness in life.