सुख
संसार में सुख, दर्पण में मुख होता नहीं, दिखता है ।
साधनों में नहीं साधना से, साध्य को पाने में मिलता है ।
आर्यिका श्री सौम्यमति माताजी
संसार में सुख, दर्पण में मुख होता नहीं, दिखता है ।
साधनों में नहीं साधना से, साध्य को पाने में मिलता है ।
आर्यिका श्री सौम्यमति माताजी