सुधारना
सुधारने से नहीं, (ख़ुद) सुधरने से सुधरते हैं ।
ऐसे सुधरे मुड़ जाते हैं,
फिर मुड़कर नहीं देखते हैं ।
क्षु. श्री ध्यानसागर जी
सुधारने से नहीं, (ख़ुद) सुधरने से सुधरते हैं ।
ऐसे सुधरे मुड़ जाते हैं,
फिर मुड़कर नहीं देखते हैं ।
क्षु. श्री ध्यानसागर जी
4 Responses
आप किसी को सुधारने के लिए कोशिश नहीं कर सकते हो, जब तक आप अपने को सुधारने का प्रयास नहीं करेंगे। महात्मा गांधी के पास एक व्यक्ति, अपने बेटे को लेकर आया था । कहा कि यह गुड खाता है, इसे छोड़ने के लिए कहा जाए, तब गांधी जी ने कहा कि इसको एक माह बाद लेकर आओ और जब वह वापस आया, तो गांधी ने उसको सम्बोधन दिया। उस व्यक्ति ने कहा, कि इसको पहले क्यों नहीं बताया? तब गांधी जी ने कहा, कि वह स्वयं खाते थे, अब छोड दिया है, तभी उसको सम्बोधन दिया है ।
“Mudna” ka matlab, “sansaar se mudna/vairaagya” hai na?
वैराग्य या संसार/बुरी आदतों से मुँह मोड़ना ।
Okay.