सूतक में मंदिर में प्रवेश वहाँ तक कर सकते हैं जहां तक वाद्ययंत्र बजाने वालों का प्रवेश होता है,
जहाँ अभिषेक होता है वहाँ ना जायें ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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सूतक का मतलब लोक व्यवहार में जन्म मरण के निमित्त से हूई अशुद्धि के शोधन को कहते हैं, इसके लिए देव पूजा, आहार आदि कार्य नहीं किए जाते हैं।
अतः उक्त कथन सत्य है कि सूतक में मन्दिर में प़वेश के ससय घंटी बजाना,गर्भ गृह में जाना,गन्धोदक, शास्त्र उठाना या मन्दिर की वस्तु को छूना आदि का निषेध रहता है।
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सूतक का मतलब लोक व्यवहार में जन्म मरण के निमित्त से हूई अशुद्धि के शोधन को कहते हैं, इसके लिए देव पूजा, आहार आदि कार्य नहीं किए जाते हैं।
अतः उक्त कथन सत्य है कि सूतक में मन्दिर में प़वेश के ससय घंटी बजाना,गर्भ गृह में जाना,गन्धोदक, शास्त्र उठाना या मन्दिर की वस्तु को छूना आदि का निषेध रहता है।