सोच
मंदिर/गुरुचरण/अनुकूल परिस्थितियों में सटीक,
गुरुचरण से दूर हुये/विपरीत परिस्थितियों में सोच – सब चलता है ।
तो जीवन सुचारू रूप से कैसे चलेगा !!
मंदिर/गुरुचरण/अनुकूल परिस्थितियों में सटीक,
गुरुचरण से दूर हुये/विपरीत परिस्थितियों में सोच – सब चलता है ।
तो जीवन सुचारू रूप से कैसे चलेगा !!
One Response
हर व्यत्ति की सोच अलग अलग तरह की होती है लेकिन जिन व्यत्ति की सोच सकारात्म होगी वही जीवन में सफल होगा।सकारात्मक सोच के लिए मन्दिर और गुरुओं की शरण में जाना चाहिए तभी जीवन सुचारु रूप से चलता रहेगा।जीवन में नकारात्म सोच नहीं रहना चाहिए तभी कल्याण होगा।