उपरोक्त कथन सत्य है कि भारत को स्वतंत्रता जीवन में संघर्ष से मिली है, लेकिन हम सभी जीवों को मानसिक स्वतंत्रता से आजादी नहीं मिली है क्योंकि हम सभी को अपनी अन्दर की बुराईयों, दुर्बलताओं, और दुखों से मुक्ति नहीं मिली है, अतः अपनी मुक्ति या आजादी/ अपनी उन बुराईयों दुर्बलताओं और दुखों का मिटाना आवश्यक है इसके लिए धर्म, गुरु और जिनवाणी पर अटूट श्रद्धा रखना परम आवश्यक है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि भारत को स्वतंत्रता जीवन में संघर्ष से मिली है, लेकिन हम सभी जीवों को मानसिक स्वतंत्रता से आजादी नहीं मिली है क्योंकि हम सभी को अपनी अन्दर की बुराईयों, दुर्बलताओं, और दुखों से मुक्ति नहीं मिली है, अतः अपनी मुक्ति या आजादी/ अपनी उन बुराईयों दुर्बलताओं और दुखों का मिटाना आवश्यक है इसके लिए धर्म, गुरु और जिनवाणी पर अटूट श्रद्धा रखना परम आवश्यक है।