ज़िंदगी
दुनिया में कोई भी चीज़ अपने आपके लिए नहीं बनी है।
जैसे:
दरिया – खुद अपना पानी नहीं पीता।
पेड़ – खुद अपना फल नहीं खाते।
फूल – अपनी खुशबु अपने लिए नहीं बिखेरते।
मालूम है क्यों?
क्योंकि दूसरों के लिए ही जीना ही असली ज़िंदगी है।
(श्रीमति नीलम जैन – दिल्ली)
2 Responses
service
“seva”
नदियाँ न पीये कभी अपना जल
वृक्ष न खाये कभी अपने फल
अपने तन को मन को धन को देश को दे दे दान रे
वो सच्चा इंसान जगत में वो सच्चा इंसान रे