Month: April 2024
सम्यग्दर्शन की पात्रता
7वें नरक तक में सम्यग्दर्शन पाने की पात्रता है, पर छठे काल में नहीं, ऐसा क्यों ? शायद नियति कहती है… मनुष्य होकर भी ऐसे
क्रिया / भाव
धान कूटते देख कर तो पता नहीं लगता कि व्यक्ति धान कूट रहा है या छिलके (क्योंकि ऊपर छिलके ही दिखते हैं)। धार्मिक क्रियाओं को
स्त्री-कथा
स्त्री-कथा को बुरा माना पर भगवान की माँ की कथा? विकारी पर्याय को बुरा कहा, माँ/ बहन की कथा को बुरा नहीं कहा। माँ का
स्वभाव
आत्मभूत = जो अपने स्वभाव में हो/ आत्मा में हो। स्व–स्वभाव में अचेतन भी रहते हैं। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र- शंका समाधान) (फिर
पुरुषार्थ
मुनिपद भारी पुरुषार्थ का फल होता है। पर कुछ मुनि बनने के बाद भी कषायों को क्यों नहीं नियंत्रित कर पाते ? पुरुषार्थ दो प्रकार
Forgive
बैरी को Forget करने से काम नहीं चलेगा क्योंकि बैरी को दुबारा देखने पर फिर से बैर-भाव Revive हो जाएगा। सो Forget के साथ Forgive
सासादन/ सम्यक्-मिथ्यात्व
“सासादन” के साथ “सम्यग्दर्शन” लगाते हैं(सासादन-सम्यग्दर्शन) क्योंकि जीव सम्यग्दर्शन से गिरकर आया है। सम्यक्-मिथ्यात्व में दोनों ओर (सम्यक्त्व तथा मिथ्यात्व) से आता है इसलिये इसका
कर्म
कर्म को “बेचारा” कहा है। क्षु.श्री जिनेन्द्र वर्णी जी (बेचारा ही तो है… लम्बे अरसे तक आत्मा में कैद रहता है बिना किसी कसूर के।
सम्यग्दर्शन / लब्धि
5 लब्धियाँ प्रथमोपशम के समय, क्षयोपशम सम्यग्दर्शन के समय नहीं, सिर्फ सम्यग्दर्शन के भाव तथा सम्यक् प्रकृति का उदय। क्षायिक सम्यग्दर्शन में भी लब्धि नहीं,
प्रतिक्रिया
मार्च’22 में ऑस्कर समारोह अमेरिका में चल रहा था। प्रसिद्ध हास्य कलाकार क्रिसरौक स्टेज संभाल रहे थे। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का इनाम विलस्मिथ को घोषित हुआ।
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