यह कथन बिलकुल सही है – – –
पुण्य एवम् पाप, सभी कर्मों के आधार पर ही निर्भर होते हैं ।अतः वर्तमान में पुरुषार्थ करके, पुण्य प्राप्त करने का प्रयास किया जाना चाहिए एवम् भूतकाल के बुरे कर्मों को क्षय करने का, प्रयास किया जाना चाहिए; तभी पुण्य छप्पर फाड़ कर मिल सकता है ।
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यह कथन बिलकुल सही है – – –
पुण्य एवम् पाप, सभी कर्मों के आधार पर ही निर्भर होते हैं ।अतः वर्तमान में पुरुषार्थ करके, पुण्य प्राप्त करने का प्रयास किया जाना चाहिए एवम् भूतकाल के बुरे कर्मों को क्षय करने का, प्रयास किया जाना चाहिए; तभी पुण्य छप्पर फाड़ कर मिल सकता है ।