नियम
आगे बढ़ने से पहले, जो पहले नियम लिये हैं, उन्हें देख लो, विचार कर लो ।
पड़ौसी की दूसरी दुकान देखकर, अपनी दूसरी दुकान मत खोलो ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी (द्वारा- मुनि श्री आर्जवसागर जी)
आगे बढ़ने से पहले, जो पहले नियम लिये हैं, उन्हें देख लो, विचार कर लो ।
पड़ौसी की दूसरी दुकान देखकर, अपनी दूसरी दुकान मत खोलो ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी (द्वारा- मुनि श्री आर्जवसागर जी)