यूँ ही नहीं होतीं हाथों की लकीरों के आगे उँगलियाँ…!
रब ने भी किस्मत से पहले मेहनत लिखी है…!!
(सुरेश)
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पुरुषार्थ का मतलब चेष्टा या प़यत्न करना होता है जबकि भाग्य यानी किस्मत में लिखा मानते हैं।
उपरोक्त कथन सत्य है कि भाग्य कुछ नहीं कर सकता है, जीवन में पुरुषार्थ परम आवश्यक है, भाग्य भी बदलने में पुरुषार्थ ही काम आता है। पुरुषार्थ से मोक्ष भी जा सकते हैं एवं संसार भी बढ़ा सकते हैं। जो जीव पुरुषार्थ नहीं करता है वह जीवन में कुछ नहीं कर सकता हैं।
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पुरुषार्थ का मतलब चेष्टा या प़यत्न करना होता है जबकि भाग्य यानी किस्मत में लिखा मानते हैं।
उपरोक्त कथन सत्य है कि भाग्य कुछ नहीं कर सकता है, जीवन में पुरुषार्थ परम आवश्यक है, भाग्य भी बदलने में पुरुषार्थ ही काम आता है। पुरुषार्थ से मोक्ष भी जा सकते हैं एवं संसार भी बढ़ा सकते हैं। जो जीव पुरुषार्थ नहीं करता है वह जीवन में कुछ नहीं कर सकता हैं।