अहंकार सत्य को स्वीकार नहीं करता है,
और
सत्य को जानने वाला कभी अहंकार नहीं करता है।
जय जिनेंद्र
🙏🌹(अनुपम चौधरी)💞🙏
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One Response
सत्य बोलना या कहना जैन धर्म का मूल गुण होता है। उपरोक्त कथन सत्य है कि अहंकार सत्य को स्वीकार नहीं करता है, जबकि सत्य को जानने वाला कभी अहंकार नहीं करता है।
अतः जीवन में हमेशा सत्य बोलना चाहिए एवं स्वीकार करना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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सत्य बोलना या कहना जैन धर्म का मूल गुण होता है। उपरोक्त कथन सत्य है कि अहंकार सत्य को स्वीकार नहीं करता है, जबकि सत्य को जानने वाला कभी अहंकार नहीं करता है।
अतः जीवन में हमेशा सत्य बोलना चाहिए एवं स्वीकार करना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।