घी बहुत फायदेमंद है/रूचिकर भी है, तो क्या सिर्फ घी पीकर रह सकते हो !
इसीलिये 6 आवश्यक बताये हैं ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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1 साधु के लिए अनिवार्य रुप से जो क़ियाएं करना आवश्यक होती है वह आवश्यक कहलाती हैं।
2 जो इन्द़िय और मन के वशीभूत नहीं है ऐसे साधु अवश कहलाते हैं, उनके द्वारा की जाने वाली आवश्यक कहलाती हैं।
आवश्यक छह प़कार की होती हैं जो इस प़कार की है, सामायिक, स्तवन, वन्दना, प़तिक़मण,प़त्याख्यान और कायोत्सर्ग।
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1 साधु के लिए अनिवार्य रुप से जो क़ियाएं करना आवश्यक होती है वह आवश्यक कहलाती हैं।
2 जो इन्द़िय और मन के वशीभूत नहीं है ऐसे साधु अवश कहलाते हैं, उनके द्वारा की जाने वाली आवश्यक कहलाती हैं।
आवश्यक छह प़कार की होती हैं जो इस प़कार की है, सामायिक, स्तवन, वन्दना, प़तिक़मण,प़त्याख्यान और कायोत्सर्ग।