क़ीमत
जो निशुल्क है, वही सबसे ज़्यादा क़ीमती है..
“नींद, शान्ति, आनंद, हवा, पानी, प्रकाश और सबसे ज़्यादा, हमारी साँसें” ।
(आर.के.गुप्ता)
जो निशुल्क है, वही सबसे ज़्यादा क़ीमती है..
“नींद, शान्ति, आनंद, हवा, पानी, प्रकाश और सबसे ज़्यादा, हमारी साँसें” ।
(आर.के.गुप्ता)
M | T | W | T | F | S | S |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 |
8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 |
15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 |
22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 |
29 | 30 | 31 |
2 Responses
बहुत सुंदर कथन है – –
आजकल,निशुल्क चीज़ों की परवाह नहीं करते हैं, बल्कि सम्मान के साथ ऊपर लिखी चीज़ों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए;तभी अपने जीवन में आनंद प्राप्त कर सकते हैं ।
Very well said; and these are precisely the things, we take for granted.