महत्त्वाकाँक्षा

मीठे पानी की नदी खारे समुद्र में क्यों गिरती है ?

महत्त्वाकाँक्षा की वजह से,
ऐसे व्यक्तियों का हश्र भी ऐसा ही होता है,
अपना अस्तित्व खो देते हैं ।

सबको अपने अपने गुणों को बढ़ाना चाहिए ।

Share this on...

One Response

  1. यह कथन बिलकुल सही है …
    आदमी की requirements and desires रहती हैं,
    यदि आवश्यक रहें, वह तो काम चल जाता है,
    इसलिए महत्त्वपूर्ण पर ध्यान रखेंगे, तभी कल्याण होगा ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

June 9, 2017

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930