माँ-बाप के साथ हमारा सलूक…
एक ऐसी कहानी है, जिसे लिखते तो हम हैं
लेकिन
हमारी संतान हमें पढ़कर सुनाती है ।
(धर्मेंद्र)
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यह कथन बिलकुल सत्य है – – आजकल,माँ-बाप अपने बच्चों को,अच्छे संस्कार नहीं दे पा रहे हैं।इसके कारण,वे उनकी इज़्ज़त नहीं कर रहे हैं ।ऐसे, बच्चे उनकी किताब,उन्हें ही पढ़ कर सुना रहे हैं ।अच्छा होगा, कि हम बच्चों को, अच्छे संस्कार देने का, प्रयास करें ।
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यह कथन बिलकुल सत्य है – – आजकल,माँ-बाप अपने बच्चों को,अच्छे संस्कार नहीं दे पा रहे हैं।इसके कारण,वे उनकी इज़्ज़त नहीं कर रहे हैं ।ऐसे, बच्चे उनकी किताब,उन्हें ही पढ़ कर सुना रहे हैं ।अच्छा होगा, कि हम बच्चों को, अच्छे संस्कार देने का, प्रयास करें ।