सुख / आनंद

अकारण सुख प्राप्ति को आनंद कहते हैं।

(श्रीमति शर्मा)

कारणों में सुख ढूढना बंद कर दें, तब आत्मा का स्वाभाविक आनंद स्वत: ही आने लगेगा।

Share this on...

2 Responses

  1. यह कथन बिलकुल सत्य है – – – – –
    आजकल हर इन्सान दुखी रहता है इसका मुख्य कारण इच्छाओं की पूर्ति न होना है। इसके लिए जो है उसमें सन्तुष्ट रहेगा तब वह दुखी नहीं रहेगा। अतः उसको अपनी आत्मा पर श्रद्धान करना होगा इसके लिए धम॓ का सहारा लेना चाहिए तभी अपने जीवन में सुख का आनन्द उठा सकता है।

  2. Very true.
    Agar “karanon” mein sukh hota, to bhagwan, apne aap mein hi “sukhi” nahin rehate aur ameer log jinhe sukh ke saare kaaran uplabdh hain, kabhi “dukhi” nahin hote. Aise hi, ek garib vyakti jiske paas koi sukh ka kaaran nahin, akaaran hi, “sukhi” reh sakta hai.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives

January 27, 2018

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930