संहनन/भावना
हीन-संहनन वाला मोक्ष ना जाये पर मोक्षमार्गी तो बन सकता है,
पर हीन-भावना वाला तो सम्यग्दर्शन भी प्राप्त नहीं कर सकता है ।
मुनि श्री विनिश्चयसागर जी
हीन-संहनन वाला मोक्ष ना जाये पर मोक्षमार्गी तो बन सकता है,
पर हीन-भावना वाला तो सम्यग्दर्शन भी प्राप्त नहीं कर सकता है ।
मुनि श्री विनिश्चयसागर जी
M | T | W | T | F | S | S |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 |
8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 |
15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 |
22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 |
29 | 30 | 31 |
One Response
संहनन हड्डियों के जोडों को कहते है।यह कथन सत्य है कि हीन-संहनन वाला मोक्ष भले न जावे पर मोक्षमार्गी बन सकता है।
हीन-भावना वाला सम्यग्दर्शन भी प़ाप्त नहीं कर सकता है।जैन धर्म में भावना का ही महत्वपूर्ण स्थान है।जिसकी जो भावना होती है, उसी अनुसार परिणाम मिलता है।