रत्नत्रय के अभाव में मोक्ष नहीं, रत्नत्रयपूर्वक ही मोक्ष होता है ।
ऐसे ही शुभोपयोगपूर्वक शुद्धोपयोग,
क्षयोपशम पूर्वक क्षायिक-सम्यग्दर्शन होता है, अभाव से नहीं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि रत्नत्रय के अभाव में मोक्ष नहीं होगा, अतः रत्नत्रय पूर्वक ही मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होगा।
इसी प्रकार शुभोपयोग पूर्वक शुद्वोपयोग,क्षयोपशम पूर्वक क्षायिक सम्यग्दर्शन होता हैं लेकिन इसके अभाव में नहीं होता हैं।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि रत्नत्रय के अभाव में मोक्ष नहीं होगा, अतः रत्नत्रय पूर्वक ही मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होगा।
इसी प्रकार शुभोपयोग पूर्वक शुद्वोपयोग,क्षयोपशम पूर्वक क्षायिक सम्यग्दर्शन होता हैं लेकिन इसके अभाव में नहीं होता हैं।