धर्मात्मा
जो स्कूल जायेगा उसे विद्यार्थी कहेंगे, न जाने वाले को नहीं ।
धर्मात्मा वह जो मंदिर जायेगा ।
स्कूल जाने वाले जो अभ्यास नहीं करते वे असफल विद्यार्थी कहे जाते हैं ।
यदि मंदिर जाने वाला अभ्यास नहीं करता तो वह असफल धर्मात्मा ।
मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
धर्म पर श्रद्वान करता है, वही धर्मत्मा कहा जाता है। इसमें निश्चय धर्म और व्यवहार धर्म दोनों होते हैं। अतः जीवन में जो सिर्फ निश्चय मानता है लेकिन व्यवहार धर्म नहीं मानता वह कभी धर्मात्मा नहीं हो सकता है। अतः उपरोक्त उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। यह भी सही है कि मंदिर जाता है,यदि अभ्यास नहीं करता है तो उसको धर्मात्मा नहीं कह सकते हैं।