निर्जरा
निर्जरा = कर्मों का झड़ना ।
एक मजदूर आठ घंटे काम करता है और कमाता है 50 रुपये,
जबकि एक Consultant दो घंटे काम करके कमाता है 500 रुपये ।
अज्ञानी बहुत पुरुषार्थ करके जितनी निर्जरा करता है,
ज्ञानी/संयमी कम पुरुषार्थ करके उससे अधिक निर्जरा कर लेता है ।
4 Responses
निर्जरा का तात्पर्य जिस प्रकार आम आदि फल पककर वृक्ष से अलग हो जाते हैं,उसी प्रकार आत्मा का भला बुरा फल देकर कर्मों का झड़ जाना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि निर्जरा का मतलब कर्मों का झड़ जाना होता है।यह सच है कि ज्ञानी लोगों के कर्म कम हैं ज्ञानी और संयमी कम पुरुषार्थ करके उससे अधिक निर्जरा कर लेते हैं।जीवन में संयमित होना आवश्यक है ताकि कर्मों की निर्जरा हो सकती है।
Is comment ka source kya hai, Uncle?
याद नहीं, पर यह सिद्धांत बहुत से शास्त्रों में बताया गया है।
Okay.