मौन
मौन = म + ऊ + न = मध्य* + ऊर्ध्व (देवलोक) + नरक
(लोकों की यात्रा)।
आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी
*मनुष्य + जानवरों का लोक।
मौन = म + ऊ + न = मध्य* + ऊर्ध्व (देवलोक) + नरक
(लोकों की यात्रा)।
आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी
*मनुष्य + जानवरों का लोक।
4 Responses
आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने मौन को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए मौन रहना परम आवश्यक है।
Maun ka correlation post se explain karenge, please ?
मौन शब्द में ही तीनों लोक छिपे हुए हैं। जब विकल्प नहीं होते/ शांति होती है तब हम संस्थान विचय नामक ध्यान करते हैं/ कर सकते हैं।
Okay.