व्यक्ति / अभिव्यक्ति
प्रश्न यह नहीं कि शक्ति कितनी है, सामग्री या संपत्ति कितनी है! प्रश्न है कि व्यक्ति कैसा है? यह तीनों साधन तो अधम को भी मिल जाते हैं। ये तो अवनति के कारण हैं; विरले ही इनके माध्यम से प्रगति करते हैं।
पिछले जन्म से रत्न की गाड़ी लेकर आए थे, क्या कचरा भर के वापस जाना चाहते हैं?
प्रश्न यह नहीं कि सीढ़ी है या नहीं; प्रश्न है कि सीढ़ी कहाँ लगी है! कुएं के पास, नीचे जाने के लिए या छत के पास, ऊपर चढ़ने के लिए?
व्यक्ति नहीं, अभिव्यक्ति महत्वपूर्ण है; अभिप्राय महत्वपूर्ण है। मधुर व्यवहार लोकप्रिय बनने के लिये / प्रसिद्धि पाने के लिए अपनाया है अथवा आत्मस्वभाव के निकट आने के लिए?
आर्यिका श्री पूर्णमति माता जी (22 अक्टूबर)
One Response
आर्यिका श्री पूणमती जी ने व्यक्ति अभिव्यक्ति का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए व्यक्ति में सुधार होना एवं अभिव्यक्ति लोक प़भावक होना परम आवश्यक है।