Category: चिंतन

माना

गणित में सवाल हल करते समय, “माना कि” से सवाल हल हो जाते हैं। पर जीवन में जो तुम्हारा है नहीं, उसे अपना मान-मान कर

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कांटे

कांटों का भी अपना महत्त्व होता है। यदि वे न होते तो हम कितने कीड़े मकोड़ों को कुचलते चले जाते तथा फूल भी सुरक्षित न

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ज्ञान

लौकिक जो संसार बढ़ाये। अलौकिक जो संसार घटाये। (धर्म का) पारलौकिक जो संसार से परे का हो जैसे आत्मादि। चिंतन

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रसना

रसना को नागिन क्यों कहा ? इसी के चक्कर में आकर Overeating करके पेट/ सेहत में ज़हर घोलते हैं। इसी से ज़हरीले वचन निकलते हैं

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वीतरागता

आँसू चाहे खुशी के हों या दु:ख के, दृष्टि को तो धूमिल करते ही हैं। इसीलिए वीतरागता का इतना महत्व है। चिंतन

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पुण्य / पुरुषार्थ

मोबाइल की बैटरी 8% रह गयी। चार्जिंग पर लगाया फिर भी चार्जिंग घटती जा रही थी। 1% पर पहुंचकर बढ़ना शुरू हुई। स्टॉक के पुण्य

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चैंपियन

कैरम के खेल में चैंपियन वह नहीं बनता जिसका निशाना बहुत अच्छा हो। बल्कि वह बनता है जो अपनी अगली गोटी बनाना तथा दुश्मन की

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प्रश्न

सबसे बड़े/ महत्वपूर्ण प्रश्न ? हम मनुष्य क्यों बने हैं, कीड़े-मकोड़े क्यों नहीं बने ! हमारे कृत्य मनुष्यों जैसे हैं या जानवरों जैसे !! चिंतन

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तृष्णा

चिड़िया के बच्चे ने माँ से पूछा – ये कैसा जीव है! चलता तो हमारी तरह दो पैरों से ही है पर दो हाथ क्यों

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उन्नति / अवनति

कैसे तय करें कि हम उन्नति कर रहे हैं या अवनति ? दूसरों से अपने बारे में Opinion लें। Negative Remarks आने पर उस व्यक्ति

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मंगल आशीष

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