Category: वचनामृत-आचार्य श्री विद्यासागर
नवनिर्माण/जीर्णोद्दार
जीर्णोद्दार बहुत महत्वपूर्ण है, पर नवनिर्माण भी भविष्य के लिये, अगली पीढ़ीयों को संस्कार देने के लिये जरूरी है । आचार्य श्री विद्यासागर जी
परपीड़ा
पर की पीड़ा अपनी करुणा की परीक्षा लेती है । आचार्य श्री विद्यासागर जी
गुरू
माता पिता के लाड़ प्यार से गुरू की ड़ांट ज्यादा उपयोगी होती है । आचार्य श्री विद्यासागर जी
धर्म
धर्म के बारे में सोचा नहीं जाता, बस अधर्म कम करते चले जाओ, धर्म स्वंय जीवन में आता जायेगा । अधर्म का अभाव ही धर्म
उत्तम संयम
संयम का अर्थ है एक सशक्त सहारे के साथ हल्का सा बंधन । यह बंधन निर्बंध करता है । आज तो हम बिना ब्रेक की
श्री अन्ना हजारे
आचार्य श्री विद्यासागर जी से जब श्री अन्ना हजारे के बारे में टिप्पणी माँगी तो उन्होंने कहा – “जो काम अरबपति, करोड़पति नहीं कर पाए
भूमिका
भूमिका यानि भूमि तैयार करना। ध्यान रहे, हमारा जीवन भूमि तैयार करने में ही न निकल जाये। आचार्य श्री विद्यासागर जी
ज्ञान/चरित्र
सड़क बनाने वाला इन्जीनियर बहुत ज्ञान प्राप्त करके सड़क बनाता है, बिना पढ़ा लिखा यात्री उस सड़क से अपनी यात्रा पूरी कर लेता है ।
परीक्षा
बच्चों को परीक्षा के ड़र से ज्वर आ जाता है, पर श्रद्धावान/पुरूषार्थी परीक्षा से नहीं ड़रते, वे जानते हैं कि बिना परीक्षा पास किये कोई
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