Life is like riding a bicycle,
you don’t fall off unless you plan to stop peddling.
(साधु भी जब साधना में कमी कर लेते हैं, तब अपनी विशुद्धि-स्थान से नीचे गिर जाते हैं)
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2 Responses
जीवन में प़त्येक क्षेत्र में प़यास करना आवश्यक है,चाहे लौकिक अथवा परमार्थ क्षेत्र हो, अतः बिना पुरुषार्थ के जीवन में सफलता नहीं मिल सकती हैं।
अतः यह कथन सत्य है कि साधु भी साधना में कमी कर लेते हैं तब अपनी विशुद्वि स्थान से नीचे गिर जाते हैं। अतः जीवन में प़त्येक को शुद्धि के साथ प़यास करना चाहिए ताकि सफलता मिल सकती है।
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जीवन में प़त्येक क्षेत्र में प़यास करना आवश्यक है,चाहे लौकिक अथवा परमार्थ क्षेत्र हो, अतः बिना पुरुषार्थ के जीवन में सफलता नहीं मिल सकती हैं।
अतः यह कथन सत्य है कि साधु भी साधना में कमी कर लेते हैं तब अपनी विशुद्वि स्थान से नीचे गिर जाते हैं। अतः जीवन में प़त्येक को शुद्धि के साथ प़यास करना चाहिए ताकि सफलता मिल सकती है।
Beautiful analogy to explain the importance of “purushartha”, that is continuous.