Tag: लालमणी भाई
थोथी समृद्धि
March 15, 2010
सिक्कों की आवाज ज्यादा आती है, नोटों की नहीं । (धर्मेंद्र) सिक्कों में भी चांदी के सिक्कों की कम, सोने के सिक्कों की और भी
पुरूषार्थ
January 24, 2010
पुरूष ( आत्मा ) के द्वारा किया गया कार्य, जिसका अर्थ व्यर्थ ना हो । श्री लालमणी भाई
चारित्र
January 12, 2010
किसी को राह (चारित्र) दी, निगाह (श्रद्धा) छीन ली, किसी को दे निगाह, राह छीन ली। श्री लालमणी भाई
आत्मघात
December 1, 2009
एक नाई लोगों की मालिश करते करते ऊब गया और दुःखी होकर कुंये में गिर कर अपनी जान दे दी । गिरने की आवाज सुन मेंढ़क
परद्रष्टि
November 27, 2009
क्या आप सुबह सुबह दुसरे का घर साफ करने जाते हो ? यदि नहीं तो दुसरे के सुधारने में क्यों लगे रहते हो । श्री
धर्म
November 24, 2009
अंधे को खीर खाने दी । अंधे ने पूछा – खीर कैसी होती है ? सफ़ेद । सफ़ेद कैसा होता है ? बगुले जैसा ।
साता
November 21, 2009
साता में भी और-और की हाय में लगे रहना, क्या सोने में सुगंध ढूंढने की कोशिश नहीं है ? श्री लालमणी भाई
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