Tag: लालमणी भाई

बेईमानी

व्यवहार में, बेईमानी आटे में नमक के बराबर तो समाज झेल लेता है, पर नमक में आटा नहीं गुथ सकता, नहीं चलता है । श्री

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मूर्ख/मूढ़

मूर्ख – एक गलती एक बार करे, मूढ़ – एक गलती बार बार करे । श्री लालमणी भाई

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सामर्थ्य

जानवरों की सामर्थ्य मुँह से भोजन करने की है, और मनुष्य की सामर्थ्य हाथों से । मनुष्य होकर भी यदि कोई सीधा मुँह से ही

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धर्म की विनय

करैया गाँव के बौहरे जी की हवेली मंदिर के सामने थी । उनका वैभव और यश चरम सीमा पर था, लोग अच्छा काम करने जाने

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दया

लालमणी भाई ने सूद पर पैसे देने का काम जब बन्द किया, उस समय 384 लोगों से कर्ज़ा वापिस लेना था। जो जितना दे सका

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अनुराग

अनु = कम, जो राग को कम करने में सहयोग करे वह अनुराग । श्री लालमणी भाई

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अनुभव

अनु = कम, जो भवों को कम करने में सहयोग करे वह अनुभव । श्री लालमणी भाई

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दान

कर बोले कर ही सुने, श्रवण सुने नहीं ताय । ( एक हाथ जब दूसरे हाथ की नब्ज़ देखता है तब कान को भी आवाज़

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अहंकार

अहंकार की तासीर है कि वह पहले तुम्हें ऊपर ले जायेगा, फिर जोर से नीचे पटकेगा । श्री लालमणी भाई

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मंगल आशीष

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