Tag: लालमणी भाई
भाव
मूंगफली ने शिकायत की – मैं ज्यादा स्वादिष्ट, फिर बादाम की पूछ क्यों ज्यादा होती है ? गुरू – बादाम के भाव ज्यादा हैं इसलिये
परोपकार
ज्याद कमाओ औरों को, कम कमाओ अपने को । श्री लालमणी भाई (दान/परोपकार अधिक, अपने पर खर्च कम)
कैसे मांगें ?
भगवान से ऐसे मांगें, जैसे बिना बोलने वाला बच्चा अपनी मां से मांगता है । श्री लालमणी भाई
कर्म क्षय
भगवान की भक्ति से कर्म कटते हैं, भगवान खुद कर्म नहीं काटते । श्री लालमणी भाई
अनुमोदना
हमारे अच्छे बुरे कर्मों का असर हमारे बच्चों और बच्चों के कर्मों का असर हम पर क्यों होता है ? हमारे अच्छे बुरे में बच्चों
बड़े बोल
एक पंड़ित जी, मुझे लेकर साहू शांति प्रसाद जी से मिलने गये । साहू जी अधिकतर समय अपनी व्यस्तता का बखान करते रहे कि मेरा
पुण्य का खाता
करैया गांव में पंचकल्याणक हुआ । लालमणी भाई उस समय 10 वर्ष के थे और जलूस में हाथी पर बैठने की जिद करने लगे ।
मान
बकरी तो मैं-मैं करै, अपनौ मूड़ कटाऐ । मैना तो मै-ना कहै, दूध भात नित खाये ।। श्री लालमणी भाई
जीवोद्धार
जब जीविका चलने लगे, तब तो कम से कम जीवोद्धार की सोचो । श्री लालमणी भाई
कषाय
अनंतानुबंधी ( अति तीव्र कषाय ) :- अपनी सीट और साथ वाली भी घेर लेना। अप्रत्याख्यान ( तीव्र कषाय ) :- अपनी सीट पर ही बैठना। प्रत्याख्यान
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