गाँधी जी की लाठी मारने के लिये नहीं थी,
बल्कि मार खाने पर उठने के लिये थी ।
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श्री महावीर स्वामी ने अहिंसा परमोधर्म का उपदेश दिया था जिसका हर प़ाणी को पालन करना आवश्यक है। गाँधी जी ने लाठी मारने के लिए नहीं उठाई थी बल्कि अपने सहारे के लिए उपयोग किया गया था।महात्मा गाँधी जी ने जीवन में अंहिसा के पथ पर ही चल कर भारत को स्वतंत्र कराया था। जो लोग अहिंसा का पालन नहीं करते हैं उनके लिए बल प़योग कर सकते हैं।
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श्री महावीर स्वामी ने अहिंसा परमोधर्म का उपदेश दिया था जिसका हर प़ाणी को पालन करना आवश्यक है। गाँधी जी ने लाठी मारने के लिए नहीं उठाई थी बल्कि अपने सहारे के लिए उपयोग किया गया था।महात्मा गाँधी जी ने जीवन में अंहिसा के पथ पर ही चल कर भारत को स्वतंत्र कराया था। जो लोग अहिंसा का पालन नहीं करते हैं उनके लिए बल प़योग कर सकते हैं।