वस्तु के स्वभाव के साथ हस्तक्षेप नहीं करना, अहिंसा है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
(जैसे National Forest में शीशम आदि जैसे मूल्यवान पेड़ों को भी उठाया नहीं जाता है)
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अहिंसा जैन धर्म का मूल सिद्धांत है। इसमें मन वचन काय से किसी जीव को नहीं मारना ।
अतः मुनि महाराज जी का कथन सत्य है कि वस्तु के स्वभाव में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
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अहिंसा जैन धर्म का मूल सिद्धांत है। इसमें मन वचन काय से किसी जीव को नहीं मारना ।
अतः मुनि महाराज जी का कथन सत्य है कि वस्तु के स्वभाव में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।