सही है ,
जब व्यक्ति टूट जाता है तब एक ईश्वर ही है जिसके चरणों में बैठकर हम अपना दुख उडेल कर रख देते हैं ।
लगता है यह वही जगह है जहाँ हमें आगे बढने का साहस और प्रेरणा मिलती है /आत्म विश्वास मिलता है इन्ही की कृपा से ।
बहुत सरहनीय सुक्ति है यह।
अरूणा जैन
2 Responses
Suresh Chandra Jain
This is very correct, jab apni atma ko janne lagenge tab ishwar najar aata hee rahega.
सही है ,
जब व्यक्ति टूट जाता है तब एक ईश्वर ही है जिसके चरणों में बैठकर हम अपना दुख उडेल कर रख देते हैं ।
लगता है यह वही जगह है जहाँ हमें आगे बढने का साहस और प्रेरणा मिलती है /आत्म विश्वास मिलता है इन्ही की कृपा से ।
बहुत सरहनीय सुक्ति है यह।
अरूणा जैन