एकता
एक बार अंगूर ????????????खरीदने के लिए एक फल बेचने वाले के पास रुका..
पूछा:
क्या भाव है गुच्छों???????????????????????????? का ?
बोला :
80 रूपये किलो ।
पास ही कुछ अलग-अलग टूटे हुए अंगूरों के दाने पड़॓ थे ।
मैंने पूछा :
क्या भाव है इन का ?
वो बोला :
30 रुपये किलो
मैंने पूछा :
इनका इतना कम दाम क्यों..?
वो बोला :
साहब, हैं तो ये भी बहुत बढ़िया
पर अपने गुच्छे से टूट गए हैं ।
मैं समझ गया कि अपने संगठन/समाज और परिवार से अलग होने पर हमारी कीमत आधे से भी कम रह जाती है।
एकता में बल है ।
(अरविंद)
One Response
Suresh Chandra Jain
Ekta ka achcha udaharan hai, ekta mein hee bal hai.