ज्यादा क्रोध करने वाले की अग्नि-कायिक जीव बनने की संभावना होती है ।
(डॉ.एस.एम.जैन)
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क़ोध का मतलब अपने दूसरे के घात या अहित करने रुप क़ूर परिणाम को कहते हैं।क़ोध पाप की श्रेणी में आता है जिसके कारण कर्म बंध होता है और उसके कारण अगले जन्म में फल मिलता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि ज्यादा क़ोध करने वाले की अग्नि कायिक जीव बनने की सम्भावना होती हैं।
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क़ोध का मतलब अपने दूसरे के घात या अहित करने रुप क़ूर परिणाम को कहते हैं।क़ोध पाप की श्रेणी में आता है जिसके कारण कर्म बंध होता है और उसके कारण अगले जन्म में फल मिलता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि ज्यादा क़ोध करने वाले की अग्नि कायिक जीव बनने की सम्भावना होती हैं।