भीष्म और जटायु ने अपने-अपने जीवनकाल में एक एक पाप/पुण्य किये थे –
भीष्म ने समय पर क्रोध ना करने का पाप,
जटायु ने क्रोध करने का पुण्य ।
एक का मरण बाणों पर, दूसरे का श्री राम की गोद में ।
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क्रोध जीवन का बहुत बड़ा दुर्गुण है । क्रोध अपने और दूसरों के घात या अहित करने रुप क्रूर परिणाम को कहते हैं । जब कि सहनशीलता जीवन का एक बहुत बड़ा गुण है, जिससे वर्तमान एवं भविष्य के जीवन का कल्याण होगा । अतः सहनशीलता का गुण अपनाने का प्रयास करें ।
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क्रोध जीवन का बहुत बड़ा दुर्गुण है । क्रोध अपने और दूसरों के घात या अहित करने रुप क्रूर परिणाम को कहते हैं । जब कि सहनशीलता जीवन का एक बहुत बड़ा गुण है, जिससे वर्तमान एवं भविष्य के जीवन का कल्याण होगा । अतः सहनशीलता का गुण अपनाने का प्रयास करें ।