ऐ मौत ! जरा पहले आना, ग़रीब के घर;
कफ़न का खर्च, दवाओं में न निकल जाए…!
(डा.अमित राजा)
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3 Responses
आजकल, ग़रीबी वाले लोगों की सोच यही है । हालाँकि, यह सब कर्म के उदय के कारण हैं ।
यदि यह सोचकर, साथ में पुरुषार्थ करेंगे, तो जीवन का कल्याण कर सकते हैं ।
इससे दो सीख लेना चाहिए…
१) जब भी ऐसे ग़रीब हमारे संपर्क में आऐं, उनकी यथासंभव सहायता करें,
तब, हमारे जीवन में ऐसी स्थिति कभी नहीं आएगी ।
२) आज, जब हम अच्छी स्थिति में हैं, तो उसका सदुपयोग करें,
पुण्यानुबंधीपुण्य का अर्जन करें ।
3 Responses
आजकल, ग़रीबी वाले लोगों की सोच यही है । हालाँकि, यह सब कर्म के उदय के कारण हैं ।
यदि यह सोचकर, साथ में पुरुषार्थ करेंगे, तो जीवन का कल्याण कर सकते हैं ।
Jai Jinendra,
Please elaborate it more, could not understand how we can apply it in our life.
Regards,
Anju
इससे दो सीख लेना चाहिए…
१) जब भी ऐसे ग़रीब हमारे संपर्क में आऐं, उनकी यथासंभव सहायता करें,
तब, हमारे जीवन में ऐसी स्थिति कभी नहीं आएगी ।
२) आज, जब हम अच्छी स्थिति में हैं, तो उसका सदुपयोग करें,
पुण्यानुबंधीपुण्य का अर्जन करें ।